झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन के सरकारी बंगले पर मंगलवार की शाम महागठबंधन के विधायकों की अहम बैठक हुई। मीटिंग में चर्चा हुई कि यदि ED जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करती है तो प्लान क्या होगा? हेमंत ऐसी परिस्थिति में अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को कमान सौंपना चाहते हैं। इस बीच बैठक में मुख्यमंत्री की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के 7 विधायक नहीं पहुंचे। वे हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा से नाराज थे। इनमें हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन भी शामिल थीं।
सीता बोलीं-कल्पना स्वीकार नहीं
सीएम पद के लिए कल्पना सोरेन का नाम आते ही झामुमो विधायक सीता सोरेन ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने कहा- मैं बैठक में नहीं आई। बुधवार को भी बैठक में नहीं आऊंगी। मैं बैठक के विरोध में नहीं हूं। मैं तो एकजुटता का समर्थक रही हूं। लेकिन कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने के हर फैसले का विरोध करूंगी। हमेशा मैं ही त्याग क्यों करूंगी। हेमंत सोरेन जब मुख्यमंत्री बने तो उसे स्वीकार कर लिया, लेकिन कल्पना सोरेन को किसी तरह स्वीकार नहीं करूंगी।
अब त्याग करने का कोई इरादा नहीं
उन्होंने कहा कि झामुमो को खड़ा करने में शिबू सोरेन (बाबा) के साथ मेरे दिवंगत पति दुर्गा सोरेन ने भी मिलकर काम किया था। वे हमेशा बाबा के साथ रहे। पति के निधन के बाद अपनी दो छोटी-छोटी बच्चियों को पालने में कितनी तकलीफ सही है, यह मैं ही जानती हूं। इसलिए अब त्याग करने का कोई इरादा नहीं है।