भागलपूर: कदवा थाना क्षेत्र के शिक्षक घनश्याम कुमार ने डीएम कार्यालय सहित पीएमओ एवं अन्य सरकारी कार्यालय में अपनी तकलीफ को लेकर लगातार आवेदन दे रहे हैं। इसी बीच शिक्षक संघ के आवेदन से यह चर्चा में आ गए हैं। जब पत्रकार ने इनसे बात करने के लिए उनके घर पहुंची तभी टीवी विभाग से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मेरे कुल 5 बच्चे हैं, इसमें से तीन लड़की और दो लड़के हैं. मेरे दोनों लड़कों को लाइलाज गंभीर बीमारी ने जकड़ रखा हैं, जिस वजह से दिन पर दिन वह मौत की तरफ बढ़ते जा रहे है. इसी बीच जिले में शिक्षकों के स्थानांतरण होने की बात सामने आई इसी बीच शिक्षक ने अपनी साथ हो रही तकलीफ को लेकर अपना दर्द बयां किया। शिक्षक घनश्याम प्रसाद बताते हैं कि उनके दोनों पुत्रों को गंभीर बीमारी हो गई हैं। अब तक वह 50 से 60 लख रुपए अपनी दोनों बेटों पर खर्च कर चुके हैं, लेकिन उनकी बीमारी अभी तक ठीक नहीं हुई है।
मन में तरह-तरह की बातें आ रही है जो उन्हें सुसाइड एवं सामूहिक आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है
वह कहते हैं कि देशभर में करीब 6 से 7 राज्यों में वह इलाज करा कर थक चुके हैं। अब उनके मन में तरह-तरह की बातें आ रही है जो उन्हें सुसाइड एवं सामूहिक आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है। वह बताते हैं कि वर्ष 2013 के करीब उन्हें पता चला कि उनके दोनों बेटे इस गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए हैं। वह बताते हैं की बचपन में दोनों ही पढ़ने में काफी होनहार थे। उनकी पढ़ाई अभी भी चल रही है घर पर शिक्षक जाकर पढ़ाते हैं, लेकिन कमर से नीचे का हिस्सा पूर्ण रूप से सुन्न हो गया है। वह कहते हैं कि नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर हुए काफी शुद्ध हैं और उनका कहना है कि अगर सरकार या शिक्षा विभाग उनकी सिया शर्ट को नहीं मानता है, तो वह अपने पूरे परिवार के साथ सामूहिक आत्महत्या या फिर इच्छा मृत्यु की मांग करते है. पूरे परिवार में वह अकेला ही कमाने वाला है और अपने दोनों बेटों की देखरेख करने वाले हैं। सुबह स्कूल जाने से पहले अपने दोनों बच्चों को खुद ही खाना खिलाते है और उसकी दवाई एवं देखरेख करते हैं।