पटना हाई कोर्ट में विधानसभा क्षेत्र के JDU विधायक दिलीप राय की निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका को निरस्त कर दिया है। न्यायाधीश सुनील कुमार पंवार की एकल पीठ ने राजद प्रत्याशी सयैद अबू दुजाना की चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। आरजेडी की तरफ से उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे।
राजद प्रत्याशी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सुरसंड विधानसभा क्षेत्र के जदयू प्रत्याशी दिलीप राय ने अपनी पत्नी की अचल संपत्ति का सही ब्योरा नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि पत्नी के नाम से करोड़ों की अचल संपत्ति की जानकारी नामांकन-पत्र के साथ नहीं दी गई। इसके साथ ही प्रत्याशी ने अपने आपराधिक इतिहास का प्रकाशन इलेक्ट्रानिकली नहीं किया है। यही नहीं 891 पोस्टल मतपत्र में से 206 को बिना कोई कारण बताए रद कर दिया गया। विजयी प्रत्याशी की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम और अवनीश कुमार ने जवाब दाखिल कर बताया कि सभी आरोपों निराधार व तथ्य विहीन हैं। जन-प्रतिनिधि कानून के तहत अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है।
आपराधिक इतिहास का प्रकाशन किया गया था। पत्नी के नाम से अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया गया है। नामांकन पत्र दाखिल किए जाने से पहले जो भूखंड बेच दिया गया है, उसका उल्लेख नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला देते हुए अधिवक्ताद्वय ने कहा कि चुनाव याचिका निरस्त किए जाने योग्य है। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने याचिका निरस्त कर दी।