लोकसभा चुनाव में भाजपा की 5 समेत राजग की 9 सीट गंवाने के बाद गुरुवार को पटना पहुंचे बिहार प्रभारी विनोद तावड़े को करारा झटका लगा है। बिहार प्रभारी के बुलावे पर पार्टी के हारे हुए तीन सांसद नहीं आए। इसमें आरा से प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिंह एवं पाटलिपुत्र के पूर्व सांसद राम कृपाल यादव के नाम सम्मिलित हैं। वहीं, प्रदेश महामंत्री दो प्रत्याशी बक्सर से चुनाव हारे मिथिलेश तिवारी एवं सासाराम से मुंह की खाने वाले शिवेश राम तावड़े के समक्ष उपस्थित हुए। दोनों ने अपनी-अपनी हार के कारणों से प्रभारी को अवगत कराया।
चुनाव परिणाम के 22 दिन बाद प्रदेश प्रभारी पटना पहुंचे थे। इस दौरे का मकसद लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा जीती हुई अपनी पांच सीटें गवां दी है। औरंगाबाद, पाटलिपुत्र, सासाराम, आरा और बक्सर लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है। हार के पीछे की कई वजहें हैं।
अबकी बार बिहार में भाजपा 17 सीटों पर प्रत्याशी दी थी। इनमें से 12 लोस सीटों पर जीत मिली। पांच प्रत्याशी चुनाव हार गए। हारे हुए प्रत्याशी, रामकृपाल यादव, शिवेश राम, आरके सिंह, मिथिलेश तिवारी और सुशील कुमार सिंह को पटना बुलाया गया था, लेकिन इनमें तीन प्रत्याशी बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे। दो प्रत्याशियों ने संगठन के कई नेताओं ने पर भीतरघात का आरोप मढ़ा। इस वजह से उनकी हार हुई। इसके बाद पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक ली।