राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अभियान के पद पर प्रतिनियुक्त पांच पदाधिकारियों की अवधि विस्तार को लेकर गृह विभाग ने एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। विभाग ने पांच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि एक साल और बढ़ाने का अनुरोध किया है। इनकी तीन साल की प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो चुकी है।
जिन पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि चौथे साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया गया है, उनमें मुंगेर में पदस्थापित कुणाल कुमार, जमुई में पदस्थापित ओंकार नाथ सिंह, बगहा (पश्चिमी चंपारण) में पदस्थापित दिवेश कुमार मिश्रा, लखीसराय में पदस्थापित मोती लाल और गया में पदस्थापित मुकेश कुमार सेवरिया शामिल हैं।
गृह विभाग ने पिछले ढाई महीने में यह तीसरा पत्र है, जो प्रतिनियुक्त अधिकारियों के अवधि विस्तार के लिए लिखा गया है, मगर अभी तक केंद्र ने इसकी स्वीकृति नहीं दी है। सरकार के उप सचिव ने इस बाबत गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि एएसपी अभियान के माध्यम से केंद्रीय एजेंसियों एवं राज्य पुलिस के बीच समन्वय स्थापित कर नक्सल व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलाया जा रहा है। तीन वर्ष के अल्प समय में इन पदाधिकारियों का नक्सल उन्मूलन अभियान काम काफी सराहनीय रहा है।
माओवादियों के प्रभाव वाले इलाकों में पहले चरण में इन पदाधिकारियों के द्वारा पांच फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। दूसरे चरण में भी पांच एफओबी के शीघ्र निर्माण की योजना है। इसके लिए जमीन चिह्नित कर नक्शा पास करने और लेआउट प्लान आदि का कार्य किया जा रहा है। ऐसे में पांचों पदाधिकारियों के चौथे वर्ष की प्रतिनियुक्ति अवधि विस्तारित करने पर सहमति प्रदान करने की मांग की गई है।