बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। अब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा। इन चर्चाओं में एक नाम चौंकाने वाला है, वह पूर्वी चंपारण के सांसद राधा मोहन सिंह हैं।
जेपी नड्डा भले ही मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई लिखाई और शुरुआती राजनीतिक सफर पटना में ही हुई है। जेपी नड्डा पटना के फेमस वाणिज्यमहाविद्यालय के स्टूडेंट रह चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में बीजेपी अध्यक्ष के रूप में कई नाम की चर्चा है। इन चर्चाओं में एक नाम चौंकाने वाला है, वह पूर्वी चंपारण के सांसद राधा मोहन सिंह हैं। कई मीडिया संस्थान सूत्रों के हवाले से खबर चला रहे हैं कि राधा मोहन सिंह को बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके पीछे कई वजह भी बताए जा रहे हैं।
दरअसल, इस बार नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी एनडीए सरकार में बिहार से आठ मंत्री बनाए गए हैं। लेकिन इसमें राजपूत समाज से एक भी मंत्री नहीं हैं। इस बात को लेकर बिहार के राजपूत समाज में काफी नाराजगी है। इसके अलावा इस बार के लोकसभा चुनाव में भी देशभर में राजपूत समाज बीजेपी के प्रति नाराजगी दिखा चुके हैं। माना जा रहा है कि राजपूत समाज की नाराजगी का नुकसान बीजेपी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात जैसे राज्यों में हो चुका है। ऐसे में बीजेपी राधा मोहन सिंह को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर इस नाराजगी को दूर कर सकती है।
राधा मोहन सिंह राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के खांटी नेता माने जाते हैं। वह नरेंद्र मोदी की 2014 वाली सरकार में देश में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। बिहार में राधा मोहन सिंह की पहचान एक जमीनी नेता की रही है। साथ ही वह संगठन के स्तर पर नीतियां बनाने में माहिर माने जाते हैं। संगठन के विस्तार और उसे संचालित करने में राधा मोहन सिंह की महारत मानी जाती है। पार्टी के छोटे कार्यकर्ताओं तक उनकी पहुंच और सामंजस्य बनाकर टीम का संचालन करना उनके फेवर में जा सकता है।