विवादों के बीच घिरे सीतामढ़ी से नव निर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरी एक इंटरव्यू आई थी। जिसको काफी प्रचारित किया गया। प्रदेश और प्रदेश के बाहर भी उसे दिखाया गया। उसमें मुख्यत मैंने ये कहा था कि मैं सीतामढ़ी के सारे मतदाताओं को धन्यवाद तो देता ही हूं। लेकिन, जिनसे मैं ज्यादा उम्मीद कर रहा था। जिसके लिए मैंने बहुत ज्यादा काम भी किया था। उन लोगों ने मेरा उतना समर्थन नहीं दिया, जितना मैं कर रहा था।
ये मैंने निश्चित रूप से कही थी। उन्होंने आगे कहा कि ये बात आज भी मैं कह रहा हूं की उनका समर्थन नहीं मिला और नहीं मिलने के कारण मैं निश्चित रूप से मर्माहित हूं। उन्होंने कहा की कोई जनप्रतिनिधि के लिए बोलता है की जिस उम्मीद से जिताया वह काम नहीं किया। तो आप जब अपना रोष प्रकट कर सकते हैं। जिस तरीके से आप आजाद हैं बोलने के लिए तो स्वाभाविक है की मैं उम्मीद कर रहा हूं की आप समर्थन देंगे। मैंने आपके लिए बहुत काम भी किया है। तो स्वाभाविक रूप से मैं भी अपना भावनात्मक बातें कहूंगा।
सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने साफ तौर पर सफाई देते हुए कहा कि मेरी बातों को दूसरे तरीके से प्रचारित करके ये बताया गया की जाती वादी बाते हैं और धर्म निरपेक्ष बातें नहीं है। उन्होंने कहा मुझे किसी को सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। 25-30 साल से सीतामढ़ी की जनता ने मेरा काम देखा और सभी जानते हैं की जाती धर्म से ऊपर उठकर हमेशा मैंने काम किया है और आगे भी करता रहूंगा।
इसी धर्म निरपेक्षता को लेकर मैं ज्यादा उम्मीद में था, जो नहीं मिलने से मैं दुखी हूं। उन्होंने कहा की आज भी मुस्लिम भाई और यादव भाई आज भी हमारे यहां आते जाते है। मेरे जैसे कल दोनों से रिश्ते थे वैसे आज भी वही है और कल भी वैसे ही रहेगा। कहा की जो आपके पास बोलने की अभिव्यक्ति है मेरे पास भी रहने दीजिए। कहा की हम सब भारत के लोग है। बिहार के लोग है, बिहार की संस्कृति अलग है। पहले बिहार के किस तरीके की बात होती थी। उस पर हम नही जाना चाहते है। उन्होंने कहा मेरे जो प्रतिद्वंदी है जो पहले सबको गाली दिया करते थे, मना किया करते थे। इस तरीके की प्रकृति बिहार में थी।