सूचना प्रावैधिकी एवं लघु सिंचाई मंत्री डॉ.संतोष कुमार सुमन ने कहा कि हेमंत सोरेन ने मात्र 156 दिन बाद अपनी पार्टी के बुजुर्ग नेता चंपाई सोरेन से इस्तीफा दिलवा कर स्वयं के बिना दोषमुक्त हुए फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर बाबा साहेब के संविधान की अलिखित नैतिक अपेक्षाओं का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने लालू प्रसाद, गांधी परिवार और अरविंद केजरीवाल की तरह सत्ता केवल अपने या नजदीकी परिजन के हाथ में रखने का रास्ता अपनाकर लोकतंत्र को कलंकित किया।
डॉक्टर सुमन ने कहा कि झारखंड में करोड़ों की जमीन का पट्टा अपनी ही कंपनी को देने के घोटाले में जांच का सामना करने वाले झामुमो नेता सोरेन ने जमानत मिलते ही फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर आदिवासी समुदाय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि क्या चंपई सोरेन आदिवासी नहीं हैंं? वे पार्टी के प्रति निष्ठावान नहीं हैं? यदि हेमंत दोषमुक्त होने तक चंंपाई को सीएम पद पर बने रहने देते, तो क्या बिगड़ जाता? झामुमो को अगले चुनाव में भ्रष्टाचार और सत्ता के लिए राजनीतिक बेशर्मी पर उतरने का जवाब देना होगा।