देश में 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। 13 विधानसभा सीटों में एक पूर्णिया का रूपौली भी है, जहां 10 जुलाई के दिन मतदान होगा। वहीं, 13 जुलाई को सभी मतदान वाली जगह का रिजल्ट भी आ जाएगा। अब ऐसे में रूपौली विधानसभा सीट INDIA के लिए असली परीक्षा होगी। क्योंकि इधर हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में INDIA से चुनाव लड़ने मैदान में बीमा भारती उतरीं थी। कांग्रेस के पप्पू यादव को टिकट नहीं देने पर वे नाराज हो गए थे। उन्होंने निदर्लीय चुनाव लड़ जीत हासिल की थी। वहीं, पिछली विधानसभा चुनाव के समय रुपौली से भाकपा की जीत हुई थी।
रूपौली में बीमा भारती को अपेक्षित वोट नहीं मिले। बीमा को पराजित करने वाले पप्पू यादव अभी नियमत कांग्रेस के हुए नहीं हैं, लेकिन राजद के लालू और तेजस्वी से मिले अपमान और अवरोध के दंश से वे तिलमिलाए हुए हैं। पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक रूपौली भी है, जहां महागठबंधन में पिछली बार भाकपा का प्रत्याशी था। वहीं, इस बार उप चुनाव में वहां पप्पू से अड़ंगे की आशंका है। ऐसी स्थिति में महागठबंधन के राजद को कांग्रेस से हस्तक्षेप की अपेक्षा होगी। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के लिए पप्पू को मनाना सहज भी नहीं होगा। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व का ही आसरा होगा।
बता दें कि बीमा भारती 5 बार विधायक रह चुकीं है। सबसे फर्स्ट टाइम वे निर्दलीय चुनाव लड़ीं थी और उन्होंने जीत हासिल की थी। इसके बाद वे 3 बार नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से चुनाव लड़ीं थी और जीत हासिल की थी। फिर राजद में शामिल होकर 2 बार वहां से चुनाव लड़ जीत हासिल की। पिछले साल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के दौरान उनका मन विचलित हुआ। संसद पहुंचने की महत्वाकांक्षा में वे जदयू छोड़ राजद के पाले में चली गईं।
वहीं, बीमा भारती की पूर्णिया में हुई दुर्गति के बाद विरोधी उनके राजनीतिक अवसान का ताना-बाना बुनने लगे हैं। जबकि बीमा रूपौली से उप चुनाव लड़कर अपना अस्तित्व सिद्ध करने की कोशिश में है। बाहुबली पति अवधेश मंडल के कारण राजनीतिक वर्चस्व बनाए रखने की उनकी विवशता है।
दूसरी तरफ राजद में बीमा के नाम पर सहमति सहज नहीं है। बदली परिस्थितियों में दूसरा कोई दल उनके साथ शायद ही खड़ा हो। जबकि पप्पू का पंगा बीमा भारती से ज्यादा राजद से है। ऐसे में राजद को पप्पू से सहायता की अपेक्षा फलीभूत होगी या नहीं, यह कहना कठिन है। हालांकि, भविष्य की राजनीति के दृष्टिगत कांग्रेस आलाकमान के निर्देश की अवहेलना वे शायद ही करें। इस निर्देश के लिए कांग्रेस से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद आग्रह कर सकते हैं। राजद के अंदरखाने ऐसी चर्चा है।