मुगेंर: सरकार ने किसानों कि आय दोगुणा करने के लिए जैविक खेती के लिए राष्ट्रीय किसान विकास योजना के तहत शेड नेट योजना लाई हैं। जिसके तहत जैविक खेती करने के लिए सरकार 50% का अनुदान देती है। परंतु बिभाग और कंपनी की उदासीनता कि भेट चढ़ गई हैं। मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर संग्रामपुर प्रखण्ड स्थित ददरी जाला गांव निवासी किसान ने जैविक खेती के लिए 4हजार वर्ग मीटर इलाके में शेड नेट योजना के लिए वितीय वर्ष 2021-22 में जिला उद्यान बिभाग में आवेदन किया था।
जमीन पर 28 लाख रुपये योजना की स्वीकृत भी भी गई
जिसके बाद उसकी जमीन पर 28 लाख रुपये योजना स्वीकृत हो भी गई परंतु योजना पूरा होने में तीन साल का वक्त लग गया। जिससे किसान दिवाकर सिंह को दस लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो गया आइए सुनते है उस किसान कि दर्द भरी कहानी उसी कि जुवानी।
समय पर योजना नही मिली तो कंपनी ने पौधे की जगह दे दिया बीज
दिवाकर सिंह ने हमारी टीम को बताया कि किस तरह से उद्यान विभाग और कार्यकारी एजेंसी ने उसे ठगा हैं। उसने बताया एक तो उसे समय पर योजना नही मिली उसपर से कंपनी ने पौधे की जगह बीज दे दिया। बीज से निकले पौधों में फूल तो बहुत आए, पर उनमें फलन नहीं हुआ। उसपर से कंपनी ने समान भी कम दिया था। शेड नेट कि गुणवत्ता सही नही रही हल्की सी तेज हवा में शेड नेट बिखर गया था। इसके बाद में किसान को ही अपना पैसा खर्च करना पढ उसे ठीक करवाना पड़ा। पर वही उद्यान विभाग के अधिकारी डॉ0 सुपर्णा सिंहा ने इस मामले में किसान को ही दोषी ठहराते हुए सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।